- 20 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग ने पहली बार चाँद पर कदम रखा ।
- 29 मई 1953 को एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्वे ने दुनिया की सबसे ऊँची छोटी एवरेस्ट को फतेह किया ।
- और आज शनिवार 12 अक्टूबर 2019, केनियाई मैराथन धावक किपचोगे ने फुल मैराथन 01:59:40 में भागकर इतिहास बना दिया ।
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फोटो किपचोगे के ट्विटर अकाउंट से |
यह एक मैराथन थी
जो आज (10 अक्तूबर 2019) के एतिहासिक दिन स्प्रिंट में बदल गयी। किपचोगे
अंतिम 500 मीटर पडाव पर पहुंचकर
मुस्कुराने लगे, उनकी यह
मुस्कुराहट इतिहास में दर्ज हो गयी: भाईसाहब ने मैराथन की दूरी दो घंटे के भीतर
पूरी करी, इस से पहले कोई भी जीवित
या मृत इंसान इस कारनामे को दो घंटे से पहले नहीं कर पाया।
एलियूड किपचोगे ने आखिर के 500 मीटर पर अपने पेसमेकरों को अलग कर दिया । "यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा पल था," किपचोगे ने फिनिश लाइन पार करने के बाद कहा। इस समय घडी, 1: 59: 40.2 दिखा रही थी। मानव सीमाओं को अगले पायदान पर ले जाते हुए किपचोगे ने मानो पैरों में मोटर बाँध ली हों, वह ऐसे भागा जैसे आज तक कोई नहीं, मैंने पूरे दो घंटे उसको सिर्फ भागते हुए देखा, और 34 साल का ये लड़का पूरे समय मानो उड़ रहा हो ।🇬🇧 1954 Roger Bannister breaks the 4-minute mile— INEOS 1:59 Challenge (@INEOS159) October 12, 2019
🇺🇸 1969 Neil Armstrong walks on the moon
🇯🇲 2009 @UsainBolt runs 100m in 09.58
🇰🇪 2019 @EliudKipchoge runs a sub two-hour marathon#INEOS159 #NoHumanIsLimited pic.twitter.com/HMXnxRohE3
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ट्विटर अकाउंट |
"मुझे पिछले कल बहुत दबाव महसूस हुआ", किपचोगे ने मिडिया के आगे बताया। “मुझे दुनिया भर से बहुत सारे मैसेज मिले, यहाँ तक की हमारे केनियाई राष्ट्रपति ने भी मुझे बधाई दी। जब आपको हाई-प्रोफाइल लोगों से इतने कॉल मिलते हैं, तो आप पर अतिरिक्त दबाव बन जाता है।”
किपचोगे सुबह 4.50 बजे उठा और शार्प 8.15 बजे उसने इतिहास बनाने की ओर कदम बढ़ाएं। इस सब-टू मैराथन
इवेंट में उसके साथ 41 पेसमेकर थे,
जिनमें 35 उसके साथ भागे और 6 को रिजर्व में रखा गया । सभी पेसमेकर हर 10 मिनट तक उसके साथ भागे । प्रति किमी. की दूरी तय करने में
किपचोगे ने सबसे ज्यादा समय 02:52 सेकेण्ड लिया
जबकि सबसे कम समय 02:48 लिया एक
किलोमीटर पूरा करने में, यह गुर्दाफाड़
प्रदर्शन है। एक समय पर 7 पेसमेकर किपचोगे
के साथ भागे, आगे 5 रहे जिन्होंने किपचोगे को अतिरिक्त हवा के
बहाव से बचाया जबकि बाकी दो ने उसे आगे बढ़ते रहने के लिए उत्साहित किया ।
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ट्विटर अकाउंट |
यह एक असाधारण प्रोजेक्ट था जिसमें सैन्य स्तर की योजनाओं और यहां तक कि लॉफ्टर बजट भी शामिल था। अनुकूल मौसम और परिस्थितियों के चलते वियना को इस इवेंट के लिए चुना गया। हर कदम किपचोगे को कितनी दूरी तय करनी है?, इसका जवाब इंजीनियरिंग द्वारा किया गया, पूरे वक्त एक हरे रंग की लेज़र जमीन पर फैली रही, ये हरे लेजर रनर को हर वक्त दिखाई देते रहे ।
इसी हरी लेजर और
अपने पेसमेकरों के साथ लौंडे ने घायल शेर की तरह इस अविश्वसनीय प्रोजेक्ट को पूरा
किया। वियना का यह कोर्स 9.6 का लूप था जोकि
घने पेड़ों से के बीच स्थित था ।
Ineos, यूके की एक
पेट्रोकेमिकल कंपनी है जिसने इस प्रोजेक्ट को हाथों-हाथ ले लिया, इन्होने पिछले साल (2018) में भी इस इवेंट को कराया था लेकिन तब किपचोगे
चूक गया था मात्र 01:39 मिनट से।
धावक के कोच,
पैट्रिक सांग ने किपचोगे का उत्साह बढ़ाते हुए
कहा कि "उन्होंने हम सभी को अपने जीवन में अपनी सीमाओं को तोड़ने के लिए
प्रेरित किया है,"।
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